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ह्त्या, द मर्डर

Serious Words
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अक्सर मैं छत पर टहलने आ जाता हूँ, आज भी आया हुआ हूँ ! यह हमारी बैठक की छत है, जिसको एक ओर से चौबारे की दीवार ने और बाकी तीन तरफ से एक नीची सी मुंडेर ने घेरा हुआ है ! मुंडेर बोहोत नीची है, इसलिए घर के आस-पास के नज़ारे को देखने में कोई बाधा नहीं आती ! मैं हमेशा नीचे से एक कुर्सी अपने साथ लेकर आता हूँ, और यहीं, इस मुंडेर के पास बैठ जाता हूँ ! यहाँ बैठना और आस-पास के माहौल को बड़ी गहराई से निहारना, मुझे सुखद आनंद का अनुभव कराता है ! यहाँ से लोगों के घरों की बनावट, उनके आँगन में हरे-भरे पेड़ो का लगा होना, लोगों का हमारी वाली गली से गुज़रना, बच्चो का खेल खेलते हुए, और वो दौड़ते हुए निकल जाना, सब-कुछ स्पष्ट नज़र आता है ! ऊपर की ओर देखता हूँ, तो दूर तक फैला हुआ नीला आसमान दिखाई देता है, जो मेरे अनुमान से भी कहीं ज्यादा फैला हुआ है ! हल्की-हल्की हवा का बिना किसी भेदभाव के बहना और सभी के घरों में जा-जाकर जीवन देना, इन हरे-भरे पेड़ो का हवा को देखकर लहलहा उठना, बिना किसी पक्षपात के सभी को छाँव देना, मुझे हमेशा समाज की नि:स्वार्थ सेवा करने के लिए प्रेरित करता है ! और हाँ, इन ही पेड़ो में, बहुत सारे रंग-बिरंगे पक्षियों की अति सुरीली बातें, मुझे बहुत रोमांचित करती है !

आज भी एक-एक करके इन सभी प्राकृतिक उपहारों का आनंद ले रहा हूँ ! मेरी कुर्सी के ऊपर तक, घर के पास वाले नीम के पेड़ की कुछ टहनियाँ आई हुयी है जिनकी छाँव से एक घेरा सा बना हुआ है ! इसी छाँव में बैठकर मैं इस पेड़ पर निवास कर रही दूसरी दुनिया को बड़े-गौर से देखता हूँ ! यह दुनिया कोई और नहीं बल्कि इन रंग-बिरंगे पक्षियों की ही दुनिया है ! इनके इस निराले संसार में भी लगभग वो सब-कुछ होता है जो हम इंसानों के संसार में होता है ! यहाँ पर भी रिश्ते-नाते है, प्यार-प्रेम है, अडोस-पड़ोस है, सुख-दुःख है, और आपसी भाईचारा भी है, जो एक सम्पूर्ण समाज का निर्माण करता है ! आम नज़र में यह दिखाई नहीं देता, हाँ अगर ध्यान से देखा जाय तो सब-कुछ नज़र आ जाता है !

जिस नीम के पेड़ की मैं बात कर रहा हूँ उसमे एक प्यारा सा चिडा और चिड़िया का जोड़ा भी रहता है ! बाकी चिड़ियाओं को देख कर यह कहा जा सकता है कि यह अधेड़ सी उम्र का जोड़ा है ! मैं अक्सर इस जोड़े को बड़ी गौर से देखता हूँ ! यह दोनों एक छोटे से घर में रहते है जो बड़ा ही खूबसूरत है ! इस घर की साफ़-सफाई यह दोनों मिलकर करते है ! इनका यह घर दो पतली टहनियों के बिलकुल बीचों-बीच में है ! यह दोनों, ज्यादा से ज्यादा समय एक साथ बिताते है फिर चाहे वो बाहर घूमने जाना हो, या किसी के घर पर दावत में जाना हो, या फिर भोजन की तलाश में इधर-उधर जाना हो ! इस नीम में रहने वाले बाकी पक्षियों से भी इनके अच्छे सम्बन्ध है ! यह सब पक्षी आपस में अपनी उस भाषा में बातें  करते है जिसको हम समझ तो नहीं सकते लेकिन इनके हाव-भाव से यह अंदाज़ा ज़रूर लगा सकते है कि इनके बीच क्या चल रहा है !

आज इस पेड़ से कुछ ज़्यादा ही शोर आ रहा है ! इन पक्षियों की चहचाहट और गहमा-गहमी से ऐसा लग रहा है कि जैसे किसी ख़ास खुशी को बांटा जा रहा हो ! आओ ज़रा करीब से देखें की क्या हो रहा है? – ओहो, यह तो बड़ी ही खुशी की बात है, यहाँ जिस चिडे और चिड़िया के बारे में मैं बात कर रहा था, यह खुशी तो उनके आँगन की ही है ! अब तक तो सिर्फ यह दो ही थे, लेकिन अब तीन हो चुके है ! हां, आप सही समझे, इनके यहाँ एक नन्हा सा मेहमान आया है ! अब यह दोनों माता-पिता बन गए है ! और आज इस बच्चे का घोंसले के बाहर की दुनिया में पहला दिन है ! छोटे-छोटे और सहमे-सहमे कदमो के साथ बच्चा घर से निकल रहा है ! कोमल पंखे, पीली सी छोटी चोंच, और नन्ही सी आँखें अपनी माँ के साए में और पिता के कदमो पर आगे बड़ी जा रही है ! चलते-चलते अब यह तीनो घोंसले के मुहाने पर आकर रुक गए है ! पिता हल्का सा फुदक कर घोंसले से बाहर एक उभरी हुयी टहनी के सिरे पर बैठ गया है, और इन दोनों से बातें कर रहा है ! इस दिन की खुशी में बाकी पक्षी नाच रहे है, गा रहे है, और शाखाओ पे फुदक भी रहे है, कभी इस डाल पर तो कभी उस डाल पर ! इनकी यह खुशी मुझे बहुत आनंदित कर रही है ! वास्तव में, पक्षियों का यह रंग-बिरंगा संसार बहुत मनमोहक है ! हम लोग भौतिक सुख के चक्कर में इस तरह की प्राकृतिक खुशियों को भूल जाते है !

बहरहाल, नन्हे मेहमान के आने की खुशी में आज इनका घर बाकी दिनों से भी ज्यादा खूबसूरत और साफ़–सुथरा लग रहा है ! बच्चे की खुशी, मात-पिता की तैय्यारिओं से स्पष्ट हो रही है ! माँ का प्यार तो देखते ही बनता है, जिस कदर उसने अपने नन्हे-बच्चे को बिलकुल अपनी पंखो के पास रखा हुआ है, इससे बच्चे के प्रति सुरक्षा का अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है ! चिड़ा उस टहनी पर बैठ कर जो बातें कर रहा है वो आज के आयोजन के बारे में ही है ! बाकी पक्षियों को उसने अपने यहाँ दावत पर बुलाया हुआ है ! सभी पक्षी हर्षोल्लास से इस आयोजन का हिस्सा बन रहे है ! इतना खो गया हूँ मैं इस माहौल में, अब तो लगता है कि जैसे मैं भी इन पक्षियों में से एक हूँ, जो दूर उस डाल पर बैठा है और सब-कुछ भुला कर इस रंग-बिरंगी दुनिया का आनंद ले रहा है !

मैं इन पक्षियों की इस निराली दुनिया का हिस्सा बना ही था कि तभी अचानक, एक आवाज़ आयी, “पटाख” ! यह डरा देने वाली आवाज़, मुझे उस खुशियों के संसार से बाहर खींच लाई ! मैंने कुर्सी से उठकर इधर-उधर देखा और यह पता लगाने की कोशिश की, कि ये आवाज़ किस चीज़ की है, और किस तरफ से आई है? इस खोजबीन में जब मैंने थोड़ा सा आगे चलकर नीचे गली की ओर देखा तो पाया कि दो लड़के, जिनकी उम्र 14-15 साल है, नीम के पेड़ के नीचे खड़े हुए है ! इनमे से एक के हाथ में गुलेल भी है ! इससे मुझे यकीन हो गया कि वो जो आवाज़ आई थी, इनके गुलेल चलाने से ही आयी थी ! अब मेरी बेचैनी और ज्यादा बढ़ने लगी ! अब मुझे यह जानना था कि इन्होने गुलेल कहाँ चलाई है?

फिर जो दर्दनाक मंज़र मेरी आँखों के सामने आया, उसने मेरे दिल-और-दिमाग को दहला कर रख दिया ! मेरे होश उड़ गए और मैं सुन्न हो गया ! मुझे विश्वास नहीं आ रहा था कि ऐसा भी हो सकता है ! जो पिता अभी अपने नन्हे बच्चे के आने की खुशियों में व्यस्त था, अब वो ज़मीन पडा हुआ है, मरा हुआ ! ओह, यह चंद लम्हों में दुखों का तूफ़ान कैसे आ गया? आँखें उसकी खुली हुई है, पहले की ही तरह लेकिन अब उनमे वो चमक नहीं, वो खुशी नहीं, वो सपने नहीं, जो पहले थे ! अब यह आँखे बिलकुल शांत है और लगातार खुली हुई है ! अब वो शरीर बिलकुल ठंडा पडा हुआ है, जो कभी फुर्तीला हुआ करता था ! अब यह पंख उड़ने के लिए खुल नहीं सकते, क्योंकि पंख खोलने की वो ताकत एक झटके में हमेशा के लिए समाप्त कर दी गई है ! जो गुलेल इन लडको ने चलाई थी, उसका निशाना इस बेचारे चिडे का मासूम दिल था ! इतनी चालाकी से ये खूनी गुलेल चलाई गई कि वो बेरहम कंकर इस चिडे के गहरे बालो से अपना रास्ता बनाता हुया, सीने को चीरकर दिल में उतर गया ! इस बेरहमी से वो ज़ालिम उतरा कि पलक झपकते ही एक खुशहाल ज़िन्दगी को मौत में बदल दिया ! ज़मीन पर पड़े हुए शरीर से अब खून की एक छोटी सी नदी बह रही है, जो उस चिडे के छोटे-छोटे पैरों के नीचे से होकर आगे रेत में गुम हो रही है !

अब उस लड़के ने, जिसके हाथों में गुलेल थी, बड़ी ही घमंडी मुस्कराहट के साथ मरे हुए चिडे को, बड़े ही बेशर्म अंदाज़ में, पंखो से पकड़कर उठाया और हवा में लहराकर अपने दोस्त से कहा, “देख लिया मेरा निशाना, सीने पे था, और सीने में ही लगा ! अब तो मान गया तू कि तेरा दोस्त एक पक्का निशानेबाज़ है” !

उनकी यह बेकार की बातें सुनकर मेरा गम समंदर बन गया ! बार-बार मेरे दिमाग में उस चिडे की तस्वीर आ जाय – उस माँ का प्यार आ जाय जिसने अभी खुशियों को ढंग से छुआ तक नहीं – उस नन्हे बच्चे की मासूमी आ जाय जिसका आज इस दुनिया में पहला ही कदम था ! अब मेरे आंसुओ ने रुकने से इनकार कर दिया और खुलकर मेरी आँखों से बहने लगे !

जब नज़र उठा के मैंने पेड़ में देखा तो आंसुओं की धार और मोटी होती चली गयी ! माँ घोंसले से लगातार मरे हुए अपने पति को देख रही है ! उसकी साँसे तो जैसे आना-जाना ही भूल गई है ! वह बहुत घबराई हुई, और डरी हुई है ! अचानक इस कहर का टूटना, उसको तन्हा और खामोश कर गया है ! नन्हे बच्चे को तो कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है, बस वो मासूमियत से अपनी माँ के उदास चेहरे को टकटकी लगा कर देख रहा है ! यह बात उसको समझ में ना ही आये तो अच्छा है, वरना एक नन्हा सा दिल इतने बड़े हादसे को  कैसे बर्दाश्त करेगा? बाकी पक्षियों ने पहले तो खूब शोर मचाया था, मगर अब वो शांत है ! उनमे से कुछ तो इधर-उधर उड़ गए है, और कुछ अभी भी पेड़ के आस-पास चक्कर काट रहे है ! लेकिन इन लाचार चक्करों की, नन्हे से बच्चे की मासूमियत की, दर्द और तन्हाई से तड़पती हुई एक माँ की, किसी को क्या परवाह?

एक माँ, उसके नन्हे-बच्चे और इन पक्षियों की इस हालत को देख कर कई सवालों ने एक–एक करके  मेरे दिमाग पर वार किया ! उस चिडे का क्या कसूर था? उसने किसी का क्या बिगाड़ा था? जो दुःख-दर्द इस माँ और नन्हे-बच्चे को मिले है, वो किस गलती की सज़ा है? अब सब पक्षियों की खुशियों को ग्रहण लग गया है, क्यों? बच्चे के सिर से पहले दिन ही पिता का साया हटा दिया गया, क्यों? अब वो बच्चा जीवन भर अपने पिता के प्यार के लिए तरसेगा, क्यों? एक माँ के दिल को इतना बड़ा झटका दिया गया, क्यों? इन सवालों ने मेरे दिल को छलनी कर दिया है !

उस लड़के के अन्दर का शैतान अभी शांत नहीं हुआ है ! उसने उस मरे हुए चिडे को हाथ से पकड़कर हवा में घुमाते हुए, एक बेरहम ज़ोरदार झटके से, दूर पड़े कूड़े के ढेर में फेंक दिया ! वहाँ से हंसी और खिलखिलाहट के साथ चलते हुए, उसने एक ज़ोरदार ठोकर ज़मीन पर मारी और चिडे के खून को मिटटी में मिला दिया ! इस नाजायज़ काम को अंजाम देकर उन दोनों का यूं आगे जाना, पीछे एक हंसती-खेलती हुयी दुनिया को वीरान कर गया !

हैरान और परेशान हूँ मैं, कि ना जाने ऐसे कितने लड़के, जाने – अनजाने में, सिर्फ हंसी-मज़ाक और मौज मस्ती करने के लिए, कितनी मुस्कुराती हुयी जिंदगियों को मायूसी में बदल देते होंगे ! यह सोच-सोच कर मेरा दिमाग बंद हो गया है, और दिल रोए जा रहा है !

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